मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को हिमाचल विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया। 49,131 करोड़ रुपये के इस वार्षिक बजट में पिछले बजट से दस फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। बजट में हिमाचल के हर वर्ग की नब्ज पकड़ने की कोशिश की है। इसमें किसानों, बागवानों, पशुपालकों, महिलाओं, युवाओं, बुजुर्गों आदि पर फोकस है। बजट में कई कर्मचारियों और कामगारों के मानदेय बढ़ाए हैं। विधायकों की निधि बढ़ाने सहित 25 नई योजनाओं की घोषणा की है।
सीएम जयराम ठाकुर ने अपने कार्यकाल का यह तीसरा बजट पेश कर इसमें खर्चे घटाने और राजस्व प्राप्तियां बढ़ाने पर जोर है। निवेश को बढ़ाने के लिए भी इस बजट में हवाई, सड़क, रोप-वे आदि के निर्माण भी खास ध्यान है। 15वें वित्तायोग की सिफारिशों पर केंद्र से मिले करीब 11 हजार 431 करोड़ रुपये के राजस्व घाटा अनुदान ने अगले वित्त वर्ष के इस बजट को बनाने में खासी मदद की है। इससे इस बजट में राजस्व घाटा कम होने का अनुमान है। पिछले वित्तीय वर्ष में राजस्व घाटा 2 हजार 219 करोड़ रुपये था जो इस बार घटकर 684 करोड़ रुपये तक लुढ़क आया है, यह राहतप्रद है।
मुख्यमंत्री ने बजट पेश करने से पहले हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के 50 साल पूरे होने पर बधाई दी। जयराम बोले कि सरकार ने जनता से सीधा संवाद स्थापित किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्नेह का भी आभार व्यक्त किया। सीएम बोले कि सरकार ने भाजपा के स्वर्णिम दृष्टिपत्र को नीतिगत दस्तावेज बनाकर विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश का बेहतरीन आर्थिक प्रबंधन किया है। इसमें केंद्र सरकार का भी सहयोग लिया है।